કોરોના ની કમાલલ
*समाज सुधारक लोग-*
*सर पटक- पटक कर चले गए ,*
*गांव- गांव जाकर चप्पलें घिस डाली ,*
*पर समाज के लोग सुधरे नही ।*
*अचानक एक चाइनीज वाइरस अवतरित हुआ -*
, *और समाज अपने आप सुधर गया है...*
*न सगाई का खर्च,*
*न बैंड, न बाराती*
*न शामियाने,*
*न दिखावट, न सजावट*
*न बड़े- बड़े विशाल भोज*
*न अन्न की बरबादी*
*न बाल-विवाह*
*न शादी का खर्चा ,*
*न गोद भराई,*
*न सूरज पूजा,*
*न मान न मन्नत,*
*न चर्तुमास प्रवेश का ताम-झाम*
*न भव्य अति भव्य जुलूस व न रथयात्राएं*
*न किसी के मरने पर गम*
*न मृत्यु भोज*
*एक वाइरस ने अपने आप सुधार दिया हमारे समाज को..!!!*
*हे क्रांतिकारी*
*कोरोनावायरस !*
*तू तो गजब का समाज सुधारक निकला।*
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